अस्थिर मन को शांत कैसे करे 20 Tips – man ko shant kaise kare
1) सुबह जल्दी उठे
2) सकारात्मक विचार रखे
3) ज्यादा ना सोचे
4) योगा और ध्यान करे
5) खुद पर विश्वास रखे
6) ईश्वर की पूजा करे
7) किसी से तुलना ना करे
8) चेहरे पर खुशी रखे
9) नसे का सेवन ना करे
10) लोगो की मदद करे
11) भविष्य की चिंता ना करे
12) प्राकृत से रहे जुडे
1) सुबह जल्दी उठे -
सुबह जलदी उठने के बहुत सारे फयदे है। जैसा की कही पढने मिला " महान बनने के लिए आपको महा छिजे करनी होती है", उनमे से एक् है सुबह जल्दी उठना! यह बात तो शत प्रतिशत् सही है की सुर्योदय होने से पहले उठने वाला व्यक्ति स्वस्थ्य ,धनी और बुध्दिमान होता है और एक खुशहाल जीवन का पात्र बनता है।
सुबह जल्दी उठने के लिए 7 से 8 घंटे की नीद लेना बहुत ही जरुरी है। यदि आप सुबह जल्दी नही उठ पाते तो आपको रात को ९ बजे तक सो जाना चाहिए! आप आलार्म की भी सहायता ले सकते है और अपने काम को सरलतम और सुखमयी बनाने के लिए हर काम का दिच् (To do List) बनाए।
अगर आप सुबह 3:30 से 4 बजे के बीच उठते है तो ये समय सबसे अच्छा माना जाता है, अध्यात्मिक लोगो का कहना है, भोर 3:30 से भोर 4 बजे तक हमारे पृथ्वी पे सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है, अगर इस समय योगा ध्यान या खुद पर चिंतन (Meditation)जैसे अन्य कार्य किया जाये तो, हम अपने परिणाम को जल्दी पा सकते है।
2) सकारात्मक विचार रखे - इन्सान के जीवन मे सकारत्मक विचार आना उतना ही जरुरी है जितना शरीर के लिए अन्न। हमे सही और अछा परिनाम तभी मिलेगे, जब हम अपने नकारात्म्क विचारो को सकारत्मक विचार मे बदल देगे। हम जैसा सोच रखते है वैसा ही हम बन जाते है अगर आप सकारत्मक सोच रखते है तो आप सकारत्मक बनेगे लेकिन अगर आप नकारात्मक सोच रखेंगे तो नकारात्मक ही बनेगे।
एक हिन्दी वाक्य पढने मिला "जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि" अर्थात हम जैसा सोचते है हमे वैसा ही नजर आता है! सुंदर विचार भर से, अद्भुत परिवर्तन देखने को मिलता है। अगर आप रोज़ारा के जीवन मे अपने और लोगो के विचार रखते हैं, तो जीवन मे अकल्पनीय परिवर्तन देखने को मिलता है।
3) ज्यादा ना सोचे -
अधिक सोचने से शोध की जटिल खरगोश भूमिकाओं में खो जाना पड़ सकता है, जहां कोई प्रकाश नहीं है। यद्यपि अति-विचारक होने के कुछ नुकसान हैं, जैसे कि यह आपकी भलाई पर गंभीर असर डाल सकता है और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह आपके भीतर अनिश्चितता और संदेह भी पैदा करता है।
अधिक सोचने से बहुत सारे विचार उत्पन्न हो सकते हैं, लेकिन यह बहुत सारी संभावनाएं भी उत्पन्न कर सकता है, जो लागू होने के बजाय विचार और अनुकरण के अंतहीन चक्र में उलझ जाती है। क्योंकि वहां विफलता का डर है, दुनिया ने अब तक देखे गए सबसे महान विचारों को लागू नहीं किया जा सकता है जब अधिक सोचने से कार्रवाई में विराम लग जाता है। जब बहुत अधिक सोचना शुरू होता है, तो वे लोग भी जो खुद पर और अपनी क्षमताओं पर बहुत भरोसा रखते हैं, वे भी बहुत संदिग्ध या अनिश्चित हो सकते हैं। निर्णय लेने के बजाय, सभी संभावित परिणामों की जांच की जाती है। जब कोई निर्णय लिया जाता है, तो हमेशा जोखिम होता है। ज्यादा सोचने से ऐसी अनिश्चितता पैदा होती है कि कोई चांस नहीं लिया जा सकता। प्रगति करने के लिए, कभी-कभी आपको एक त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। यदि कोई किसी स्थिति को पलटने की प्रक्रिया में पकड़ा जाता है, तो वह उचित निर्णय लेने में देरी करेगा और अवसर की खिड़की से चूक सकता है।
ज्यादा सोचना किसी भी व्य्क्त्ती के लिये हानिकरक हो सकता है! यदि आप अपने मन को शान्त करना चाहते है तो आपको ज्यादा सोचना बन्द करना होगा! उतना ही सोचे जितना काम हो, खुद को अनायास विचारो से दूर् रखे! हमेशा खुश रहने की कोशिश करे, आप खुश तब रह पाएगे जब आप कम सोचेगे! तनाव से दुर रहे इसके लिये आप शारीरिक व्यायाम कर सकते है योग और ध्यान करे, पूजा करे इससे आप अपने मन को शांत कर पायेंगे।
4) योगा और ध्यान करे -
योग और ध्यान के माध्यम से हम अपने जीवन के ऊची से ऊची उच्चाइयो को छू सकते है। वेदो के अनुसार योग और ध्यान के माध्यम से ऐसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है जिनका उपचार आज के आधुनिक युग में संभव नहीं है।
मन के अशांत रहने से जीवन मे बहुत सी कठिनाईया आती है। अपने रोजमर्रा के जीवन म हमे योग और ध्यान करना चाहिए, जिससे शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ती है। योग और ध्यान की सहायता से हम अपने मन को शांत रखने के साथ –साथ बीमारी मुक्त जीवन, खूशाल जीवन प्राप्त कर सकते है। योग और ध्यान से हमारे इन्द्रियों और मांसपेशियों पर प्रभाव पडता है जो की हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं।
5) खुद पर विश्वास रखे -
स्वयं पर विश्वास करने का अर्थ है अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना। इसका मतलब है कि यह विश्वास करना कि आप कुछ कर सकते हैं - कि यह आपकी क्षमता के भीतर है। जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो आप आत्म-संदेह को दूर कर सकते हैं और कार्रवाई करने और चीजों को प्राप्त करने का आत्मविश्वास रखते हैं।
यदि आप खुद पर विश्वास रखते है तो आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार कर सकते है। यदि आपको खुद पर ही विश्वास महि है तो चाहकर भीं आप कोई काम नही कर सकते है जो बहुत सरल क्यो न हो। अगर आपको खुद पे विश्वास है आपके साथ कोई नही हो फिर भी आप सब काम कर सकते है जो आप करना चाहते है, इसलिए खुद पे विश्वास करना बहुत ही जरूरी है। इससे मन मे एक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिससे आपको आगे का कार्य करने मे मदद मिलेगे।
एक बात हमेशा याद रखना की आपकी मदद आपको खुद ही करनी होगी, कोई और आपकी मदद करने नही आएगा। इसलिए आज से खुद पे विश्वास करना सुरू कर दो।
6) ईश्वर की पूजा करे -
ईश्वर की पूजा करना मतलब निराकार प्रभु परमात्मा की प्रशंषा करना, उसकी स्तुती करना। यह विषय ही अधायत्म का है, अधायत्म से जीवन मे शांति प्राप्त होता है। ईश्वर की पूजा करने से पहले ईश्वर को जान लेना जरूरी है। ईश्वर का दर्शन, ईश्वर की प्रप्ति हमे गुरु से हो सकती है। जो गुरु हमे ईश्वर के दर्शन करा दे वह पूर्णगुरु होता है यानि की सद्गुरु होता है। ईश्वर की पूजा अर्चना करने से जीवन मे जीवन मे शांति मिलती है।
7) किसी से तुलना ना करे -
लोग अक्सर यह निर्धारित करने के लिए अपनी तुलना दूसरों से करते हैं कि वे जीवन में कितना अच्छा कर रहे हैं और अपने व्यक्तिगत मूल्यों को उसी पर आधारित करते हैं। हालाँकि, यह आमतौर पर अपने बारे में बहुत अच्छा महसूस करने की ओर नहीं ले जाता है। खुद को दूसरे से तुलना करना यह भी अशांत रहने का एक कारण है। हमे खुद की तुलना दुसरे कभी भी नही करनी चाहिए। हमेशा खुद को मोटिवाते करे और आगे बढ़ते रहे। कोई आपके बारे मे कुछ भी सोचे कुछ भी कहे, आपको उनपे ध्यान ना देते हुये अपना काम पूरी लगन से करते रहे और मंजिल को हासिल करे।
8) चेहरे पर खुशी रखे -
आपका जीवन आपको खुश होना का कारण देता है लेकिन आप फिजूल की बातो मे लगाकर आप यह मौका गवा देते है। नियंत्रण लेने और थोड़ा खुश होने का समय आ गया है! इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको किन विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। आपके पास केवल एक ही जीवन है, और बेहतर होगा कि आप इसका अधिकतम लाभ उठाएं। अपने चेहरे पर मुस्कान कैसे लाएं -
a) अपने पसंदीदा गीतों में से एक को सुनें।
b)किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें, जिसका आपके जीवन पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ा हो।
c) किसी ऐसे व्यक्ति को कॉल करें जिसे आप प्यार करते हैं और उसे बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं।
d) दुनिया में जो भी उम्मीदें हैं उन्हें छोड़ दें।
e) चॉकलेट खाए।
f) दरवाज़ा बंद करो, music on करो, और नाचो जैसे कल नहीं है।
g) 10 मिनट तक पूरी गति से दौड़ें।
इस तरह से आप अपने जीवन मे चहरे पर खुशी लाकर जीवन मे शांति ला सकते है।
9) नसे का सेवन ना करे -
नशे का सेवन करने से हमे नशे के आदी हो जाते है। नशा हमारी पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है। नशा करने से हमे जानलेवा बीमारी भीं हो सकती है। नशे से जीवन मे अशांति आती है और ज्यड़ा नशा करने से परिवार भी बिखर जाते है। नशा हमारे जीवन के लिए हानिकारक है। नशे से पर्यावरण दूषित होता है।
10) लोगो की मदद करे -
हमारे समाज में अक्सर यह प्रवृत्ति होती है कि लोगों को एक दूसरे से अलग कर दिया जाए, मानवता के विशाल जनसमूह से काट दिया जाए, और ऐसा करने में प्रत्येक कदम के साथ थोड़ा और अमानवीय हो जाए। ऐसी सोच हमारे समाज मे हो गयी है की लोग अमानवीय बर्ताव कर रहे है। यही कारण है की हमरे जीवन से शांति गायब सी हो गयी है। अगर हमे जीवन मे शांति चाहिये तो एक दूसरे से प्यार करना होगा एक दूसरे की मदद करनी होगी। यदि ऐसे मानवीय गुणो वाले कार्य होने लगे तो वाकई मे मानवीयता जिंदा हो जाएगी।
"एक उम्र भी कम है मोहब्बत के लिए, ना जाने लोग कहा से वक़्त निकाल लेते है नफरत के लिए।"
11) भविष्य की चिंता ना करे -
वर्तमान मे जीना सीखो। भविष्य के बारे मे सोचकर अपना वर्तमान ना खराब करो। अगर आप भविष्य के बारे मे सोचते हो तो आप अपना वर्तमान का काम भी काही न कही खराब कर रहे होते हो। ज़िंदगी मे आपको आपके मेहनत के हिसाब से ही जो कुछ मिलने वाला है वो मिलेगा लेकिन अनायास भविष्यको लेकर ज्यड़ा चिंता करना ठीक नहीं है। शांति चाहते हो तो भविष्य की चिंता करना छोड़ दो।
12) प्रकृति से जुडे रहे -
प्रकृति से जुड़ना मतलब एक शक्ति से जुड़ना जो हर वक़्त हमारे आस पास मौजूद होती है। प्रकृति से कैसे जुड़ा जाए -
a) प्रकृति तनाव को कम करने में मदद करती है।
बी) प्रकृति बीमारियों से वसूली में सुधार करती है।
ग) प्रकृति ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकती है।
आपने महसूस भी किया होगा की आप यदि garden मे अकेले बैठे है और आपको ऐसा करने मे एक सुख की प्राप्ति होती है, इसे ही शांति कहते है।
13) गहरी सांस लेंना -
गहरी सांस लेना मानसिक शांति बनाए रखने का एक आजमाया हुआ तरीका है। जब हम अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो सकारात्मक मस्तिष्क रसायन जो मन पर नियंत्रण और मानसिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जारी होते हैं। मन को शांत रखने के लिए व्यक्ति को बार-बार पांच बार गहरी सांस लेनी चाहिए, उसके बाद सांस छोड़नी चाहिए। गहरी सांस लेते समय फेफड़े और डायाफ्राम मुख्य फोकस होना चाहिए। यह मस्तिष्क और मानस से भावनात्मक विचारों को समाप्त करता है, विश्राम के एक अलग रूप के साथ-साथ तत्काल शांति और राहत लाता है।
14) मधुर संगीत बजाएं -
ध्यान के लिए संगीत यह संगीत उत्तेजित मन को शांत करने के व्यक्त उद्देश्य से बनाया गया था। साथ ही साथ यह मानसिक तनाव को भी दूर करता है। जब हम वास्तव में संगीत को समझते हैं और महसूस करते हैं, तो हमें मानसिक संतुष्टि की अनुभूति होती है। "संगीत ही ईश्वर तक पहुंचने का एकमात्र तरीका है," जैसा कि एक महान व्यक्ति ने एक बार कहा था। एक बार जब आप अपने बुरे विचारों को एक तरफ रख दें, तो संगीत पर ध्यान दें। मानसिक स्थिरता और शांति बनाए रखने में संगीत के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता।
17) खुद का सम्मान करें -
मानसिक शांति प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है खुद से प्यार करना। जब तक आप अपने या अपने द्वारा किए गए कार्य से नाखुश हैं, तब तक आप अपने विचारों को नियंत्रित नहीं कर सकते। आप मानते हैं कि कोई भी आपको पसंद नहीं करेगा और आप उस असाइनमेंट को पूरा नहीं करेंगे जिस पर आप काम कर रहे हैं। आप जो करते हैं उससे प्यार करें और उसके प्रति भावुक रहें। इससे आपका काम बेहतरीन रहेगा और आपका मन भी शांत रहेगा। व्यक्तियों के बारे में सोचना बंद करें और अपने आस-पास की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान केंद्रित करके खुश रहने की कोशिश करें। हर किसी में बुराई देखने के बजाय प्यार खोजने की कोशिश करें। जो कुछ भी वे आपसे बात करने और आपको प्यार से देखने के लिए इस्तेमाल करेंगे। परिणामस्वरूप आपका मन शांत रहेगा और आप जीवन का आनंद उठा सकते हैं।
18) पूरी नींद ले -
मानसिक तनाव में सबसे बड़ा योगदान नींद की कमी है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है जैसे मस्तिष्क ठीक से काम नहीं कर रहा है। यदि आप अपने विचारों को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो आपको पर्याप्त नींद लेने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, कार्य नहीं किया जाता है। दिन भर हमारा शरीर तनावग्रस्त और थका हुआ रहता है। तो दोस्तों अगर आप कम से कम सात घंटे की नींद लेंगे तो आपका दिमाग साफ हो जाएगा और आपका काम हो जाएगा। वह संगीत चलाएं जिसे आप सुनना चाहते हैं। जब भी हम बोरियत या तनाव के साथ पैदा होते हैं तो हम अकेलेपन और चिड़चिड़ापन का अनुभव करते हैं। और हम किसी को कुछ कहना नहीं सुनना चाहते। नतीजतन, हमारे प्रियजन हमसे दूर होने लगते हैं, और हम बढ़ते अकेलेपन का अनुभव करते हैं। क्योंकि हर किसी को इस दुनिया में जीवन का आनंद लेने में सक्षम होना चाहिए। मूल्य को नियंत्रित करने के लिए, जब भी आपका मन शांत न हो, अपना पसंदीदा संगीत सुनें।
19) प्रेरणादायक किताबे पढे -
मन को शांत करने के लिए आप कोई भी अच्छा प्रेरक साहित्य शांत मन से पढ़ सकते हैं। इसमें आप कोई साहित्य या सत्संग पढ़ सकते हैं। परिणामस्वरूप आपके मन की गंदी आदतें साफ हो जाएंगी और नए विचार सामने आएंगे।
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